पूर्व MLC के खिलाफ ED का एक्शन, सहारनपुर में युनिवर्सिटी बिल्डिंग और जमीन कुर्क

पूर्व MLC के खिलाफ ED का एक्शन, सहारनपुर में युनिवर्सिटी बिल्डिंग और जमीन कुर्क

ED action against former MLC

ED action against former MLC

लखनऊ। ED action against former MLC: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सहारनपुर में हुए अवैध खनन के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। ईडी के लखनऊ स्थित जोनल कार्यालय की टीम ने बसपा के पूर्व एमएलसी मु. इकबाल की सहारनपुर स्थित ग्लोकल यूनिवर्सिटी की 121 एकड़ जमीन व सभी भवनों को जब्त किया है। 

जब्त संपत्ति की कीमत 4,440 करोड़ रुपये है। इकबाल के विरुद्ध सीबीआई व अन्य एजेंसियां भी जांच कर रही है। ईडी बसपा शासनकाल में हुए बहुचर्चित चीनी मिल घोटाले में भी इकबाल के विरुद्ध जांच कर रहा है और इस मामले में वर्ष 2021 में उसकी 1097 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर चुका है। 

ईडी अधिकारियों के अनुसार, मु. इकबाल ने वर्ष 2010 से 2012 के मध्य सहारनपुर व उसके आसपास अवैध खनन से की गई काली कमाई से 500 करोड़ रुपये से अधिक रकम ग्लोकल यूनिवर्सिटी में निवेश की गई। इकबाल ने अब्दुल वहीद एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के माध्यम से यूनिवर्सिटी की जमीन खरीदी थी और निर्माण कराया था। 

अलग-अलग मामलों में जेल में बंद

ईडी अधिकारियों के अनुसार, मु. इकबाल फरार है और उसके दुबई भाग निकलने की आशंका है। मु. इकबाल के चार बेटे व भाई अलग-अलग मामलों में जेल में बंद हैं।

ईडी के अनुसार, अब्दुल वहीद एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का चेयरमैन इकबाल था। सभी ट्रस्टी इकबाल के परिवार के हैं। सीबीआई दिल्ली ने लगभग 10 वर्ष पूर्व सहारनपुर में हुए खनन घोटाले के मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू की थी। 

ईडी ने सीबीआई की एफआईआर को आधार बनाकर मामले में मनी लांड्रिंग का केस दर्ज कर जांच शुरू की थी। सहारनपुर में खनन के पट्टों में हुई धांधली के मुकदमे में पट्टा धारक महमूद अली, दिलशाद, मुहम्मद इनाम, महबूब आलम (अब मृत), नसीम अहमद, अमित जैन, नरेंद्र कुमार जैन, विकास अग्रवाल, मुहम्मद इकबाल का बेटा मुहम्मद वाजिद, मुकेश जैन, पुनीत जैन व अज्ञात सरकारी अधिकारी आरोपित हैं। 

ईडी की जांच में सामने आया कि सभी खनन फर्मों का स्वामित्व और संचालन मुहम्मद इकबाल के पास था। इकबाल व उसके करीबियों की फर्माें ने सहारनपुर व आसपास के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध खनन कराया था। उन फर्माें के माध्यम से करोड़ों रुपये का लेनदेन हुआ था। 

मु. इकबाल ने इस काली कमाई को आयकर विवरण में छिपाया। बाद में काली कमाई को अब्दुल वहीद एजुकेशनल ट्रस्ट के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया गया। अधिकतर रकम को दान व ऋण के रूप में ट्रांसफर की गई थी।